मै उन दिनों अपने चाचा के पास जयपुर मे रहे रही थी और मे बी.ए फाइनल ईयर मे थी और मेरे पेपर चल रहे थे और मे पेपर देने के लिए अपने चाचा के पास आयी हुयी थी और मैने अपने पेपर की तैयारी करने के लिए मे कोचिंग जाती थी और कोचिंग का टाइम 9 बजे से शाम के 7 बजे तक था और कोचिंग से आने के बाद मे अपने चाचा और चाची के पास ही सोती थी ! और मेरे चाचा के बच्चे नहीं थे और उनका घर भी छोटा था तो हम सब एक ही कमरे मे सोते थे और एक रात मे तो सो गयी थी लेकिन रात को जैसे ही मेरी आँखे खुली वैसे ही मैने देखा की चाचा ने चाची की टाँगे चक रखी थी ! फिर मैने देखा की चाची की टाँगो को चाचा ने अपने केदो पर रखी हुयी थी और चची के बूबस को चाचा ने अपने मुँह मे डाल रखे थे और अपने लंड को चाची की चुत मे डाल रखा था और और कभी चाचा चाची की छूट से लंड को बाहर निकाल कर चुत को अपनी चीब से चाट रहे थे और फिर चाची के मुँह मई अपना लंड देते है फिर चाची को कोड़ी करते है फिर चाची की चुत मे लंड को खडा कर के डालते है !